आप दिन रात पैसे कमाने में लगे हुए है परन्तु मेहनत के अनुसार धन कि प्राप्ति नहीं हो रही है तो ऐसा हो सकता है कि ये पितृ दोष या कुंडली में उससे सम्बंधित किसी दोष के कारण हो सकता है। हमारे प्राचीन शात्रों में इसके लिए विभिन्न उपाय बताएं गए है। इनमें से आपको एक उपाय बताया जा रहा है। इस उपाय को पहले आप तीन अमावस्या को कर के देखें। हो सकता है कि ये उपाय आपको सूट (योग्य हो) कर जायें, यदि अनुकूल परिणाम आने लगे तो हर अमावस्या का नियम बना ले। यदि अनुकूल परिणाम नहीं भी आता तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि मन को संतुष्टि और शांति जरुर मिलेगीं।
किसी भी बर्तनों की दुकान से हवनकुंड खरीद लें। ताम्बें का हवनकुंड हो तो उत्तम रहेगा। यहाँ बताई सामग्री को एक साथ खरीद कर रख ले। ये सामग्रीयां किसी भी परचूनी, किराना या पंसारी की दुकान में आसानी से मिल जाएँगी। ये सामग्रीयां है : -
प्राय: स्नानादि कर किसी बर्तन में उपरोक्त 8 सामग्रीयों के मिश्रण तैयार कर ले। अब मिश्रण के लिए सामग्रीयों की मात्रा कितनी ले? ये निर्भर करता है कि कितने लोग हवन कर रहे है, आप अकेले है या घर के सभी सदस्य हवन कर रहे है। यदि सभी सदस्य हवन करें तो अतिउत्तम होगा।
सामग्रीयों की मात्रा के लिए एक उदाहरण ये हो सकता है यदि दो व्यक्ति हवन कर रहे है तो काले तिल 50 ग्राम, जौं 50 ग्राम, चावल 50 ग्राम, चंदन पाउडर 50 ग्राम,गूगल 20 ग्राम, गुड़ 50 ग्राम,कर्पूर एक टिकिया को पिस कर पाउडर की तरह बना कर डाले, गाय का घी 50 ग्राम। इस तरह ये 300 - 400 ग्राम हवन सामग्री तैयार होगी। मात्रा आवश्यकतानुसार बड़ा - घटा सकते है।
अब अपने घर के मन्दिर में ऊनी या सूती आसन पर विराजमान हो आवश्यकतानुसार कण्डे या लकड़ी तथा थोडी कर्पूर की टिकिया डाल कर हवनकुंड तैयार कर लें। एक जल का पात्र ले और एक घी का दीपक प्रज्वलित कर लें। पहले गणेशजी का ध्यान कर उन्हें प्रणाम करें और हवन की सफलता की प्रार्थना करें। फिर अपने कुलदेवता/कुलदेवी, इष्टदेव, गुरु,पितृदेव को प्रणाम कर हवन को सफल करने के प्रार्थना करें। अब सीधे हाथ में थोडा जल लेकर सकल्प ले निम्न तरह से संकल्प लें।
"मैं (आपका नाम) पुत्र (अपने पिता का नाम और माता का नाम) धनप्राप्ति के लिए (या जो भी समस्या आ रही है उसके निवारण के लिए या आपकी जो भी इच्छा हो ) ये हवन कर रहा हु ...." जल को जमीन पर छोड़ दें।अब हवनकुंड को प्रज्वलित कर लें और नीचे दिये गये देवताओं को 1-1 या 5-5 या 11-11 आहुतियां निम्न मंत्रो के साथ दें।